दुनिया में हर कोई बेशकीमती चीजों का शौकीन होता है। खासकर महिलाएं ज्वेलरी जैसी बेशकीमती डायमंड और गोल्ड की तरफ जल्दी आकर्षित होती हैं।
क्या आप जानते हैं? कौन से देश में डायमंड (हीरा) सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते हैं?
यदि नहीं जानते हैं तो आप भी जान लें कि यह डायमंड (हीरा) भारत के मध्यप्रदेश राज्य के पन्ना जिले में सर्वाधिक मात्रा में पाए जाते हैं। पूरे भारत का 95% हीरा मध्यप्रदेश से ही प्राप्त होता है। छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश में भी हीरे का भंडार है, लेकिन उच्च क्वालिटी के हीरे और सर्वाधिक मात्रा में पन्ना से ही प्राप्त होते हैं।
पन्ना जिले के अन्य जगहों पर भी छोटे-छोटे हीरों के खान हैं। म.प्र. ने हीरों की खुदाई के लिए 1968 में राष्ट्रीय खनिज विकास निगम एनएमडीसी (NMDC) की स्थापना की। ये एनएमडीसी मझगवन नाम की खदान का संचालन करती है। पन्ना जिला के मुख्यालय में हीरा एकत्रित कर इसे जनवरी के माह में नीलाम किया जाता है। एनएमडीसी कई 100 फीट गड्ढों की खुदाई कर चुकी है। मझगवन क्षेत्र में करीब 83 हजार कैरेट का उत्पादन हर साल होता है। इस स्थान में तकरीबन 200 लोग काम करते हैं।
पन्ना जिले में खानों के अलावा आसपास क्षेत्रों में भी छोटे-छोटे कंकड़ -पत्थर होते हैं, जिनमें हीरे के मिलने की संभावना बनी रहती है। ऐसे पत्थर ज्यादातर सूखी नदियों में या किनारों पर पाए जाते हैं। काम करने वाले कोई भी मजदूर जो हीरा खोज लेते हैं, उसे पन्ना जिले के मुख्यालय में जमा करवाया जाता है। हीरा खोजें हुए मजदूर को उसी हीरे की कीमत का 11% दिया जाता है।
हीरे की खदान ने कईयों को लखपति तो कईयों को करोड़पति बनाया है। यहां हीरों की खुदाई करने वाले किसान मजदूर अपनी किस्मत आजमाने आते हैं। यहां कम उम्र के बच्चे भी काम करते हैं। आर्थिक तंगी से यह किसान अपने बच्चों को 14 - 15 की उम्र से ही चट्टानों की खुदाई करने भेज देते हैं, जिससे कुछ पैसे कमा सकें। इस हीरे की खान में कईयों की जान भी जा चुकी है। कई बार लोग निराश हुए तो कई बार खुश हुए। उन्हें 8-10 फीट नीचे गड्ढे खोदेने के बाद मिट्टी के साथ छोटे कंकड़ों - पत्थरों वाली लेयर आती है, जिसमें हीरा छिपा होता है।
यदि इसके रंग की बात करें तो हरे रंग का हीरा सबसे अच्छा माना जाता है। जिसे जेम क्वालिटी का हीरा भी कहते हैं। यहां ज्यादातर ब्राउन, काले, पीले रंग के हीरे मिलते हैं। पीले रंग का हीरा काफी सामान्य सा है।
हीरे की कालाबाजारी
हीरे की काला बाजारी भी बहुत होती है। कुछ लोग हीरे को पन्ना मुख्यालय में जमा ना करके उसे बाहर ब्लैक में बेच देते हैं। बाहर राज्यों से संपर्क कर कई कैरेट हीरे का काला बाजारी किया जाता है। जो सरकारी कार्यालय के नियंत्रण से बाहर है।
हीरा बनाने की प्रक्रिया
खदानों से निकलकर हीरा सीधा बाजारों में नहीं बिकता। इसे ऊंची कीमतों पर लाने के लिए कई प्रक्रियाएं होती हैं। इसका रंग रूप निखारने के लिए इसे कुशल कारीगरों के हाथों से गुजारना पड़ता है। हीरे के चट्टानों को काटकर - तराशकर दुनिया की सबसे बहुमूल्य चीजों में लाया जाता है। हीरे को नग का रूप देने तक चार प्रमुख क्रियाओं से गुजारना पड़ता है, क्लीवेज, कटिंग, पॉलिशिंग और सेटिंग। तब जाकर हीरे को बहुमूल्य बेशकीमती चीजों में गिना जाता है।
3 Comments
Very nice 👌 desh ki baat
ReplyDeleteValuable information
ReplyDeleteYeah sir! Thanks
DeleteIf you have any doubts. Let me know.