कैसे हुई हुआ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत?
आज विश्व भर में लोग स्वस्थ रहने के लिए योगाभ्यास कर रहे हैं। योग का महत्व कोरोना काल में और अधिक बढ़ गया था, जब कोविड लॉकडाउन के दौरान लोग घरों से बाहर नहीं निकल सकते थे। जिम बंद हो गए थे तब लोगों ने मन को शांत रखने और शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए घर पर ही योगाभ्यास किया। लेकिन इस दिन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाने की शुरुआत साल 2015 में हुई। जब पहली बार पूरी दुनिया में योग दिवस एक साथ मनाया गया।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र संघ की बैठक में दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को "अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस" को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमन्त्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्वीकार कर लिया।जिसके बाद 21 जून को "अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया।
अच्छी बात यह है कि मोदी और यूएनजीए ने ही केवल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिह्नित नहीं किया बल्कि जब यह दिवस आया तो इसे सफल बनाने के भी कई प्रयास किए। पहला योग दिवस भारत में बड़े पैमाने पर मनाया गया। दुनिया भर के कई उल्लेखनीय व्यक्तियों ने इसमें भाग लिया। तब से यह देश और साथ ही दुनिया के अन्य भागों में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस?
साल 2015 में 21 जून को योग दिवस मनाने का फैसला लिया गया। सवाल है कि 21 जून को ही योग दिवस क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे एक खास वजह है। 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं। भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है। माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है। इसी वजह से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने लगा। इसके अलावा किवदंती यह है कि किस संक्रमण काल के दौरान भगवान शिव ने उन्ही के साथ योग की कला के बारे में ज्ञान सजाकर के आध्यात्मिक गुरुओं को प्रबुद्ध किया था।
इन सभी बिंदुओं को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने माना था और 21 जून को अंततः अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी गई थी।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2023 -
हर साल 21 जून को वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। इस साल पूरी दुनिया 9वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रही है।हमारे देश भारत के साथ-साथ अब पूरी दुनिया योग की ताकत को मान रही है। योग न सिर्फ शारीरिक, बल्कि हमें मानसिक मजबूती भी देता है। योग, ध्यान, बहस और विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शनों पर आधारित इस साल के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की अगुआई न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रधानमंत्री मोदी करने जा रहे हैं, ये अपने आप में हमारे देश के लिए गर्व की बात है।
इस बार की क्या है थीम?
इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 की थीम "वसुधैव कुटुम्बकम" के सिद्धांत के साथ वन वर्ल्ड, वन हेल्थ रखी गई है। इस साल योग दिवस की इस थीम को केंद्रीय आयुष मंत्रालय द्वारा चुना गया है, जिसकी जानकारी पीएम मोदी ने अपने मासिक "मन की बात" कार्यक्रम में दी थी।
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