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मोदी सरकार में बदले गए ये तीन बड़े कानून, अब ऐसे लोगों को मिलेगी सीधे सजा-ए-मौत....


Mob Lynching
संसद के मानसून सत्र के अंतिम दिन केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मॉब लिंचिंग पर कानून को लेकर बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मॉब लिंचिंग के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान करेगी। साथ ही राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म किया जाएगा। बता दें कि मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) उस कहते हैं जब कोई भीड़ किसी व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दे।

बता दें कि बीते कुछ वर्षों में मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) की बढ़ती घटनाओं ने सामाजिक एवं आर्थिक रूप से शोषित वर्गों और हाशिये पर मौजूद समुदायों के मध्य एक भय का माहौल पैदा कर दिया था, जिसको देखते हुए 20/11/2023 को लोकसभा में  गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आपराधिक न्याय प्रणाली में बदलाव किया जा रहा है जो भारत की जनता का हित करने वाले हैं। मॉब लिंचिंग घृणित अपराध है और इस कानून में मॉब लिंचिंग अपराध के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया जा रहा है। साथ ही साथ 2 और कानूनों को पारित किया गया। इसके साथ राजद्रोह को देशद्रोह में बदला जा रहा हैं एवं नाबालिग से रेप पर फांसी की सजा होगी।

इन तीन कानूनों में हुआ बदलाव 
लोकसभा में भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) विधेयक 2023 को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। इसपर चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि प्रस्तावित कानूनों में मॉब लिंचिंग जैसे अपराध के लिए फांसी तक की सजा का प्रावधान होगा।

भारतीय न्याय संहिता-
1- इसमें 358 धाराएं होंगी (IPC की 511 धाराओं के स्थान पर)
2- 20 नए अपराधों को जोड़ा गया है,
3- 33 अपराधों में कारावास की सजा को बढ़ाया गया है,
4- 83 अपराधों में जुर्माने की सजा राशि को बढ़ाया गया है,
5- 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा शुरु की गई है,
6- 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा का दंड शुरु किया गया है।
7- 19 धाराएं निरस्त/हटा दी गई हैं।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता
1- इसमें 531 सेक्शन होंगे (CrPC की 484 धाराओं के स्थान पर)
2- कुल 177 प्रोविजन में बदलाव हुआ है,
3- 9 नए सेक्शन, 39 नए सब-सेक्शन जोड़े गए हैं तथा
4- 44 नए प्रोविजन तथा स्पष्टीकरण जोड़े गए है
5- 35 सेक्शन में टाइमलाइन जोड़ी गई है
6- 35 जगह पर ऑडियो-विडियो का प्रावधान जोड़ा गया है
7- 14 धाराएं निरस्त/हटा दी गई हैं।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम-
1-  इसमें 170 धाराएं होंगी (मूल 167 धाराओं के स्थान पर)
2- कुल 24 धाराओं में बदलाव किया गया है,
3 - 2 नई धारा, 6 उप-धाराएँ जोड़ी गई हैं तथा
4- 6 धाराएँ निरस्त/हटा दी गई हैं।

इन नए विधेयकों का मकसद देश में 'दंड' के बजाय 'न्याय' पर फोकस है। उन्होंने कहा कि राजद्रोह की जगह अब देशद्रोह का कानून होगा। इसमें देश की संप्रभुता, सुरक्षा को खतरा पैदा करनेवालों पर कार्रवाई का प्रावधान है जबकि पहले आईपीसी की राजद्रोह के कानून में "सरकार के खिलाफ कार्य" को परिभाषित किया गया था 

जानें क्या है मॉब लिंचिंग?
जब अनियंत्रित भीड़ द्वारा किसी दोषी को उसके किये अपराध के लिये या कभी-कभी मात्र अफवाहों के आधार पर ही बिना अपराध किये भी तत्काल सज़ा दी जाए अथवा उसे पीट-पीट कर मार डाला जाए तो इसे भीड़ द्वारा की गई हिंसा या मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) कहते हैं।
इस तरह की हिंसा में किसी कानूनी प्रक्रिया या सिद्धांत का पालन नहीं किया जाता और यह पूर्णतः गैर-कानूनी होती है।

लिंचिंग के कारण
भारत में धर्म और जाति के नाम पर होने वाली हिंसा की जड़ें काफी मज़बूत हैं। वर्तमान में लगातार बढ़ रहीं लिंचिंग की घटनाएँ अधिकांशतः असहिष्णुता और अन्य धर्म तथा जाति के प्रति घृणा का परिणाम है। यह कहा जा सकता है कि देश में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच अविश्वास की एक गहरी खाई है जो कि हमेशा एक-दूसरे को संशय की दृष्टि से देखने के लिये उकसाती है और मौका मिलने पर वे एक-दूसरे से बदला लेने के लिये भीड़ का इस्तेमाल करते हैं।








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